बातों-बातों में मन की बातें
मन का आइना है लेखन, शायद यह सच है...
Sunday, February 10, 2008
वो कहते हैं
वो
कहते
हैं
ऊंचा
है
मकान
मेरा
मैंने
कहा
सिडिया
ज़मीं
से
जाती
हैं
उसके
अरमान
kahin
बादलों
पर
टिकते
है
पर
बादलों
कि
औकात
दरिया
की
बूंदों
स
बनती
है
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