Monday, December 3, 2007

सुबह कि चाय, दोपहर कि चाय फिर शाम कि चाय का इंतज़ार करो

काम खत्म हुआ, अब घर चलने कि तैयारी करो
भरा हुआ खाने से टिफिन, फिर ले चलने कि तैयारी कारो





Friday, November 23, 2007

बॉस खबरों कि दुनिया है ......

ऑफिस, रिपोर्ट डेस्क और खबरें
सुबह से शाम तक....ख़बरों कि दुनिया
दुनिया को दुनिया से जोड़े रखने कि जुगत
कहाँ, कब, क्या, कैसे का जवाब मांगती खबरें
हर दम नया, ताज़ा, सामने वाले से अलग
या कहिये एक्सक्लूसिव,
नाम से खबर छपने का नशा
दुसरे दिन मोबाइल पर घंटी
क्या लिखा है बॉस......
मजा आ गया, जान लेली
फिर नयी एक्सक्लूसिव की तईयारी...
फिर अचानक एक दिन बॉस का नोटिस
ये क्या है...ऐसे नही चलेगा...मुझे इसका लिखित में
जवाब चाहिऐ....
थोडा सा गम, साथी रिपोर्टर का कन्धा
फिर दुसरे दिन की तयारी...
बॉस खबरों कि दुनिया है
यहाँ तो ऐसे ही चलता है
ऐसे ही चलेगा......

Friday, September 28, 2007

स्वागत है

नमस्कार
आज से मैं भी ब्लोग कि इस रोमानी दुनिया हमराही हो गया हूँ। कोशिश है कि जो मन है वयक्त अवयाक्त इस के साथ आप तक पहुंचे
। - मुरली