Wednesday, June 8, 2011

अन्याय के धृतराष्ट्र की अब पतन की बारी है....


धर्म-अधर्म के बीच फिर जंग छिड़ी है
अधर्म के पक्ष में सत्ता, नेता और सरकार खड़ी है
रामलीला मैदानों पर सत्य लहुलुहान पड़ा है
सत्य पर कालिख पोतने को
संवाद, विवाद और गोलियां लिए
दुर्योधन-दुशासन आगे बढ़े हैं
धर्म का ज्ञाता धृतराष्ट्र ने
सत्ता के मोह से कान और आंख
मूंद लिए
युवराज की आंखों में
सिर्फ सत्ता का सपना है
गरीबों का निवाला खाने वाला
अब कुछ बोलेगा
अपना मुंह खोलेगा
महाराज्ञी की कथित कोमल भावनाएं
मध्यदेश के शकुनी ने सुखा डालीं
अपनी कुटिल-धूर्त चालों से
असत्य की चौसर बिछा डाली
धर्मक्षेत्र-कुरूक्षेत्र में
फिर से रण की तैयारी है
अन्याय के धृतराष्ट्र की
अब पतन की बारी है