नमन
अद्भुत, असीम प्रकृति
चिरंतन, सुकुन सुख
हवाएं, हरीतिमा और पहाड़ियां
बादलों की ओट में
लुका-छिपी का खेल
चुपके से सूरज
बादलों के आंचल में
बालक की भांति
निकल मुस्काता
सूरज की किरणें
रेशमी फुहारों के साथ
मंद मंद सी चेहरे पर
ठंडक का एहसास
बांस के लंब कद में
अटकती, अंगड़ाती
पहली किरण
मेरे आंगन में गिरती
ठंडी, रेशमी बूंदों में भींगी
किरण को पलकों पर ले
आदित्य को नमन।
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