Friday, April 9, 2010

बेगानी शादी में अब्दुल्ला हो रहे हैं दीवाने

मीडिया क्या बेचता है...किसी से छिपा नहीं है। मुझे अफसोस हो रहा है कि जब सानिया शोएब के साथ शादी रचाकर पाकिस्तान या दुबई चली जाएगी तो बेचारे हमारे न्यूज चैनल वाले क्या दिखाएंगे। मैं तो अभी से यह सोच-सोचकर तनाव में आया जा रहा हूं। शोएब-सानिया मामले में शोएब के प्रेस वार्ता को चार दिन होने के आए मगर अभी तक चैनल वाले बंधुओं ने सानिया के घर के सामने से अपने तंबू हटाए नहीं है। शुद्ध दुकान चलाने वाले इन चैनलों को क्या कहें, गाय का बछड़ा देखा है, जब उसे खोल दिया जाता है तो कैसे इधर-उधर भागता फिरता है..
इधर दंतेवाड़ा की दिल दहला देने वाली घटना हुई, मगर उनका दिल है कि सानिया से अभी तक भरा नहीं है। 70 से ज्यादा देश के जवान नक्सलियों की हिंसा के शिकार हो गए, पूरा देश इस चिंता में है कि कैसे इस समस्या से निपटा जाए, क्या हल ढूंढ़ा जाए कि कथित नक्सली बंधु फिर से मुख्यधारा में शामिल हो जाए,मगर इन बेशर्म् इलेक्ट्रोनिक चैनल वालों के लिए अभी भी प्राथमिकता सानिया हैं। कल यानी 8 अप्रेल 2010 को भूत-प्रेतों को चैनल पर बेचने वाले इंडिया टीवी ने तो कमाल ही कर दिया। शोएब मलिक के कुनबे से दर्शकों को परिचय करवाने का लम्बा कार्यक्रम बना डाला। उसके मां-बाप, भाई, बहन, जीजा, दादी और पता नहीं कौन कौन...अपने लाड़ले की ताऱीफ कर रहे हैं। समझ में नहीं आता ये चैनल कब अपनी राष्ट्रीय जिम्मेदारी समझेंगे। लगभग हर चैनल हर शाम प्राइम टाइम में आधा से एक घंटे का कार्यक्रम सानिया-शोएब नाटक को समर्पित रहता है। समझ में नहीं आता कि इस बेगानी शादी में अब्दुल्ला क्यों दीवाने हो रहे हैं।

1 comment:

अमित पुरोहित said...

एकदम सटीक शीर्षक है, लेना एक न देना दो, फि‍र भी तीन तेरह, तलाक के तबले बज चुके अब शोएब की शादी की शहनाई भी उतनी ही तन्‍मयता से बजाई जाएगी, वहीं तम्‍बू में से ही।