Wednesday, November 2, 2016

समंदर से भेंट

इस बार समंदर से भेंट करने की तीव्र इच्छा हमें सुदूर पश्चिमी तट दीव तक खींच ले गई।

यह शायद अमिताभ बच्चन की अपील का नतीजा था कि कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में....या फिर कहीं न कहीं जाने की असमंजस में से निकली कोई योजना। खैर, हमने इस बार समंदर देखने की अपनी इच्छा को मरने नहीं दिया। सितंबर का पहला हफ्ता। कुछ सरकारी छुट्टियां और कुछ निजी दोनों को मिलाकर हम निकल पड़े जयपुर से सुदूर दक्षिण पश्चिम की ओर से गुजरात के अहमदाबाद से होते हुए केंद्र शासित दमन दीव के दीव द्वीप में। गुजरात की जमीन की नाल से जुड़ा है यह दीव। लेकिन जैसे गुजरात की जमीन को छोड़कर दीव में प्रवेश करते हैं यह एहसास हो जाता है कि आप अपनी मन मुताबिक जगह पर पहुंच गए हैं। साफ-सुथरी चौड़ी सड़क। सड़क के किनारे समंदर हमारी ओर झांकता हुआ। और हम उसकी ओर निहारते हुए। रेत के आदमी को समंदर इसी तरह प्यार करता है। दीव अरब सागर के समंदर के खारे पानी से तीनों ओर से घिरा हुआ है और इसका जुड़वा हिस्सा दमन यहां से कई मीलों दूर कोंकण तट पर मौजूद है। वहां जाने के लिए अलग से योजना बनानी होगी। अहमदाबाद से अपनी निजी कार से लगभग चार सौ किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर हम दीव में अपने जालंधर बीच पर बुक करवाए राजकीय अतिथि गृह में पहुंच गए। अहमदाबाद से यहां तक बिना सुस्ताए आठ घंटे में पहुंच सकते हैं। सड़कें बेहतरीन हैं गुजरात में। कुछ अंदरूनी मौसमी सड़कों को छोड़ दें तो। 

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